"यह हिन्दी में एक आॅफबीट नाॅवल है, क्योंकि लेखक ने कथा, भाषा और शैली के स्तर पर अनेक अतिक्रमण किये हैं।"
18दिसम्बर 2012
डॉ. सैनी ने इस उपन्यास में हिंदी की हदबंदी को तोड़ते हुए भाषा को नये तेवर प्रदान किये हैं और संत दर्शन की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया है।
- 22अक्टुबर 2012"
"यह हिन्दी में एक आॅफबीट नाॅवल है, क्योंकि लेखक ने कथा, भाषा और शैली के स्तर पर अनेक अतिक्रमण किये हैं।"
-18दिसम्बर 2012
डॉ. सैनी ने इस उपन्यास में हिंदी की हदबंदी को तोड़ते हुए भाषा को नये तेवर प्रदान किये हैं और संत दर्शन की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया है।
- 22अक्टुबर 2012"