प्रिय ओलिव ,
राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्या साहित्यिक पुरस्कार (मीरा अवार्ड ) प्राप्त उपन्यास जो पाठक को पशुओं के प्रति संवेदनशील बनता है।

पैट्स दिल बहला ने के लिए नहीं होते | वे न खिलौने हैं और न ही स्टेटस सिंबल | वे हाड़-मास के प्राणी हैं | उनका प्यार निस्वार्थ होता है |
उनकी सबसे बड़ी खूबी है कि वे आपका विकल्प नहीं ढूंढते |

   पैट्स पालने वाले को चाहिए कि वह अपने पैट्स की उस वक्त तन-मन-धन से सेवा करें जब वह बीमार हो,
दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो या उम्र पाकर असहाय हो गया हो |



₹ 100
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  डॉ अरविन्द माथुर(पशु चिकित्सक)







  "ओलिव को मेरे पास इलाज के लिए लाया गया तो उसका जिस्म लकड़ी की तरह अकड़ा हुआ था। वह आखिरी सांसें गिन रहा था..

पहला सवाल था कि क्या वह सुबह तक जिंदा रह पायेगा? परन्तु 45 दिन बाद! वह अपने पांव से चलकर मेरे यहां आने-जाने लगा। मेरा इलाज अपनी जगह था किन्तु उससे भी आगे थी- सैनी फेमिली की केयर... जिससे ओलिव को नई जिंदगी मिली थी।"

 






लेखक ने प्रिय ओलिव (श्वान सेवा की दुर्लभ कथा ) में मनुष्य के पशु प्रेम की मार्मिक एवं प्रेरणादायक कथा कही है।
"जीवों से प्रेम का दस्तावेज

डॉ. सैनी ने अपनी कृति 'प्रिय ओलिव : 'श्वान-सेवा एक दुर्लभ कथा ' की अत्यंत मार्मिक शब्दों में संरचना एक संस्मरण के रुप में बहुत ही सुंदर तरीके से की है..."
-21-Oct 2018




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प्रिय ओलिव ,
राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्या साहित्यिक पुरस्कार (मीरा अवार्ड ) प्राप्त उपन्यास जो पाठक को पशुओं के प्रति सं पैट्स दिल बहलाने के लिए नहीं होते | वे न खिलौने हैं और न ही स्टेटस सिंबल | वे हाड़-मास के प्राणी हैं |

  उनका प्यार निस्वार्थ होता है | उनकी सबसे बड़ी खूबी है कि वे आपका विकल्प नहीं ढूंढते |

   पैट्स पालने वाले को चाहिए कि वह अपने पैट्स की उस वक्त तन-मन-धन से सेवा करें जब वह बीमार हो, दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो या उम्र पाकर असहाय हो गया हो...


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  डॉ अरविन्द माथुर(पशु चिकित्सक)







        "ओलिव को मेरे पास इलाज के लिए लाया गया तो उसका जिस्म लकड़ी की तरह अकड़ा हुआ था। वह आखिरी सांसें गिन रहा था..

पहला सवाल था कि क्या वह सुबह तक जिंदा रह पायेगा? परन्तु 45 दिन बाद! वह अपने पांव से चलकर मेरे यहां आने-जाने लगा। मेरा इलाज अपनी जगह था किन्तु उससे भी आगे थी- सैनी फेमिली की केयर... जिससे ओलिव को नई जिंदगी मिली थी।"

 






लेखक ने प्रिय ओलिव (श्वान सेवा की दुर्लभ कथा ) में मनुष्य के पशु प्रेम की मार्मिक एवं प्रेरणादायक कथा कही है। "जीवों से प्रेम का दस्तावेज

डॉ. सैनी ने अपनी कृति 'प्रिय ओलिव : 'श्वान-सेवा एक दुर्लभ कथा ' की अत्यंत मार्मिक शब्दों में संरचना एक संस्मरण के रुप में बहुत ही सुंदर तरीके से की है..."
21 Oct 2018




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