यह कृति इस सवाल का जवाब देती है कि एक विद्यार्थी में सीखने , याद रखने और उससे सम्प्रेषित करने की क्षमता विकसित करने वाली शिक्षा किसी होनी चाहिए ?
एक किताब ने एक बच्चे का इरादा और उसकी ज़िंदगी का रुख बदल दिया| यह किताब उसको सफर के दौरान ट्रेन में पड़ी मिली थी जिसको पढ़कर वह खुद-ब-खुद अपने घर लौट आया था|
इस किताब ने विद्यालय , शिक्षकों और पुस्तकों से उसकी दोस्ती करवा दी थी| और आगे चलकर वही बच्चा एक प्रतिष्ठित प्रशासक , शिक्षाविद , लेखक और भारत के सबसे बड़े प्रदेश के लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बना | यह एक किताब की ताक़त थी ....
यह कृति इस सवाल का जवाब देती है कि एक विद्यार्थी में सीखने , याद रखने और उससे सम्प्रेषित करने की क्षमता विकसित करने वाली शिक्षा किसी होनी चाहिए ?
एक किताब ने एक बच्चे का इरादा और उसकी ज़िंदगी का रुख बदल दिया| यह किताब उसको सफर के दौरान ट्रेन में पड़ी मिली थी जिसको पढ़कर वह खुद-ब-खुद अपने घर लौट आया था|
इस किताब ने विद्यालय , शिक्षकों और पुस्तकों से उसकी दोस्ती करवा दी थी| और आगे चलकर वही बच्चा एक प्रतिष्ठित प्रशासक , शिक्षाविद , लेखक और भारत के सबसे बड़े प्रदेश के लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बना | यह एक किताब की ताक़त थी ....
Comments
Dr Reeta Arora
" Excellent book.written in a lucid manner
higlights pedagogy, psychology,techers attitudes,sociol prejudices n commitment of teachers. ....Read More "
डॉ. राजाराम भादू
"डा. आर. डी. सैनी की यह कृति एक विद्यार्थी द्वारा खुद की खोज, क्षमता- वर्धन और सीखने की स्वतंत्र प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालती है और बताती है कि इससे एक बच्चे के व्यक्तित्व का निर्माण कैसे होता है?....Read More "
डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
" आर. डी. सैनी ने अपनी इस कृति में एक बिल्कुल नए विषय को उठाया है (यह काम वे अपनी हर कृति में करते हैं!) और उस विषय के निर्वहन का उनका ढब भी अनूठा है. ....Read More "