कथा शुरू होती है

श्री आर. डी. सैनी की कविता शुद्ध भारतीय संस्कार की कविता है, उसमें अपने परिवेक्ष का रंग बहुत गहरा है। आज के काब्य में यह बात वुलंभ होती जा रही है। उनकी कविता को ‘कथा- कविता कहा जा सकता है, जो निश्चित ही एक मोलिक प्रयोग है। कथा में कविता और कविता में बहती कथा का अभिनव प्रयोग, कविता को जन-सामान्य तक सम्प्रेषित करने में सफल रहा है– प्रस्तुत संकलन की रचनाएं “कविता- पोस्टर’ प्रदनियों के माध्यम से भारत में चर्चा का विषय रही हैं। यह चर्चा यहाँ तक बढ़ी कि श्री आर. डी. सैनी को अब “कविता-पोस्टर’ के कवि के रूप में जाना जाता है।

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Meet The Author

"Writing sets me free. Overwhelmed by the joy of creation, I find myself in an entirely new world. The dark shadows have been left behind."

श्री आर. डी. सैनी की कविता शुद्ध भारतीय संस्कार की कविता है, उसमें अपने परिवेक्ष का रंग बहुत गहरा है। आज के काब्य में यह बात वुलंभ होती जा रही है। उनकी कविता को ‘कथा- कविता कहा जा सकता है, जो निश्चित ही एक मोलिक प्रयोग है। कथा में कविता और कविता में बहती कथा का अभिनव प्रयोग, कविता को जन-सामान्य तक सम्प्रेषित करने में सफल रहा है– प्रस्तुत संकलन की रचनाएं “कविता- पोस्टर’ प्रदनियों के माध्यम से भारत में चर्चा का विषय रही हैं। यह चर्चा यहाँ तक बढ़ी कि श्री आर. डी. सैनी को अब “कविता-पोस्टर’ के कवि के रूप में जाना जाता है।

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