बच्चे की हथेली पर

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बाल उत्त्पीड़न की अंतःकथाएँ कहता यह उपन्यास उस बच्चे के बारे में आपको नए सिरे से सोचने के लिए बाध्य करता है , जिसके आप माता-पिता हैं अथवा अभिभावक

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"Writing sets me free. Overwhelmed by the joy of creation, I find myself in an entirely new world. The dark shadows have been left behind."

बाल उत्त्पीड़न की अंतःकथाएँ कहता यह उपन्यास उस बच्चे के बारे में आपको नए सिरे से सोचने के लिए बाध्य करता है , जिसके आप माता-पिता हैं अथवा अभिभावक

2 reviews for बच्चे की हथेली पर

  1. Patrika Rajasthan

    “यह हिन्दी में एक आॅफबीट नाॅवल है, क्योंकि लेखक ने कथा, भाषा और शैली के स्तर पर अनेक अतिक्रमण किये हैं।”

  2. Swar Sarita

    डॉ. सैनी ने इस उपन्यास में हिंदी की हदबंदी को तोड़ते हुए भाषा को नये तेवर प्रदान किये हैं और संत दर्शन की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया है।

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